📈 मार्केट पल्स: आज एनएसई को हिलाने वाली बड़ी खबरें (6 अगस्त 2025)
🏦 आरबीआई ने रेपो रेट को यथावत रखा
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आज अपनी प्रमुख रेपो रेट को बिना बदलाव के रखा और न्यूट्रल स्टांस बनाए रखा।
निवेशकों को उम्मीद थी कि वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं को देखते हुए रुख नरम होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इस निर्णय का असर बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों पर दिखा और बाज़ार का मूड थोड़ा बिगड़ा।
🌍 वैश्विक व्यापार तनाव
वैश्विक बाज़ार अभी भी तनावग्रस्त हैं क्योंकि अमेरिका की ओर से 25% टैरिफ लगाने की आशंका बनी हुई है।
इससे भारत के आईटी और फार्मा सेक्टर पर असर दिख रहा है, क्योंकि इनकी बड़ी आय अमेरिकी निर्यात से आती है।
💹 कमजोर कॉर्पोरेट नतीजे
पहली तिमाही (Q1) के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। निफ्टी 50 कंपनियों की आय में केवल 7–8% सालाना वृद्धि हुई।
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बैंक और आईटी कंपनियों की मार्जिन पर दबाव।
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ऑटो और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ने कुछ मजबूती दिखाई।
लगातार पाँचवीं तिमाही है जब आय वृद्धि सिंगल डिजिट में रही है।
🚀 आईपीओ का धमाल
मार्केट की अनिश्चितता के बावजूद आईपीओ मार्केट में जबरदस्त हलचल है:
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NSDL IPO: ₹880 पर लिस्ट हुआ, जो इश्यू प्राइस से 10% प्रीमियम है।
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श्री लोटस डेवलपर्स IPO: 19% प्रीमियम पर शुरुआत, निवेशकों की मज़बूत डिमांड दिखी।
ये लिस्टिंग्स निवेशकों में नई उम्मीद जगा रही हैं।
👥 रिटेल निवेशकों की नई पसंद
नए ट्रेंड्स के मुताबिक:
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टाटा मोटर्स, यस बैंक और वोडाफोन आइडिया अब रिटेल निवेशकों के सबसे पसंदीदा शेयर बन गए हैं।
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वहीं रिलायंस पावर, एसबीआई और रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछड़ते दिख रहे हैं।
यह बताता है कि छोटे निवेशक अब टर्नअराउंड स्टॉक्स और हाई-रिस्क, हाई-रिटर्न रणनीति पर दांव लगा रहे हैं।
📊 मार्केट अपडेट
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निफ्टी 50: ~24,594–24,600 पर, ~0.2–0.4% की गिरावट।
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सेंसेक्स: ~61–90 अंक नीचे।
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इंडिया VIX: 2.1% गिरकर ~11.7 पर।
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निफ्टी अगस्त फ्यूचर्स: ~66 अंकों के प्रीमियम पर, शॉर्ट-टर्म अनिश्चितता के संकेत।
🔎 आगे की राह
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आरबीआई की मुद्रास्फीति और विकास पर टिप्पणियाँ।
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अमेरिका के टैरिफ निर्णय और उनका असर।
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आने वाले दिनों में पीएसयू बैंकों और आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजे।
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नई आईपीओ लिस्टिंग्स का प्रदर्शन।
जहाँ बैंक और आईटी सेक्टर दबाव में हैं, वहीं आईपीओ मार्केट और रिटेल निवेशकों का उत्साह बाज़ार को सहारा दे रहा है।
आने वाले हफ़्ते निवेशकों के लिए बेहद अहम रहेंगे, क्योंकि यही तय करेंगे कि भारतीय शेयर बाज़ार मज़बूती से आगे बढ़ेगा या दबाव में रहेगा।
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